एक छोटे से गांव में मोहन नाम का लड़का रहता था मोहन एक शांत स्वभाव का लड़का था, लेकिन उसे हमेशा महसूस होता था कि उसके पास किसी खास चीज की कमी है। गाँव में किसी भी समस्या का समाधान ढूंढने के लिए लोग अक्सर बड़े-बड़े फैसले लेते थे, लेकिन मोहन हमेशा सोचता था कि "क्या शब्दों का भी कोई प्रभाव हो सकता है?"
एक बार गांव पर भारी संकट आ गया। गाँव के पास एक नदी थी, जो लगातार उफान मार रही थी। गाँव में रहनेवाले लोग डर रहे थे, क्योंकि नदी के पानी का बहाव बहुत तेज था और वह गाँव की ओर बढ़ रहा था। सारे गांव के लोग चिंता में डूबे हुए थे, किसी के भी पास इस समस्या का हल नहीं था। तभी गाँव के बुजुर्ग नेता ने सभी को एक सभा में बुलाया और उन्होंने सबको बताया कि इस संकट से उबरने के लिए एक खास मंत्र की आवश्यकता है, लेकिन यह मंत्र केवल वह व्यक्ति दे सकता है, जिसे शब्दों की शक्ति को समझने की ताकत हो।
मोहन ने यह सुना और उसे लगा कि ये शायद उसी के लिए है। उसने तुरंत बुजुर्ग से कहा, "मैं यह मंत्र जानता हूं।" बुजुर्ग ने उसे चौंकते हुए देखा और पूछा, "तुम? तुम किस प्रकार का मंत्र जानते हो?"
मोहन ने धीरे से कहा, "मैं शब्दों की शक्ति को पहचानता हूं। जब कोई शब्द दिल से बोला जाता है, तो वह आस-पास की हवा को भी बदल सकता है। मेरे शब्दों में शक्ति है, और मैं इस शक्ति को आपके सामने लाकर इस संकट से पूरे गांव को बाहर निकल सकता हूं
सभी लोग हैरान थे, लेकिन मोहन ने पूरी आशा और विश्वास के साथ अपनी बात रखी। वह नदी के किनारे पहुंचा और आँखें बंद करके, गहरी सांस ली। फिर उसने पूरे दिल से शब्द बोले:
" हे नदी, तू जो तूफ़ान मचा रही है, वह हमें नहीं डरा सकता। तू हमारे गाँव की मददगार भी हो सकती है, तू हमारी शक्ति का सम्मान कर।"
उसके बाद, एक अजीब सी शांति छा गई। नदी का पानी थमने लगा, जैसे वह मोहन के शब्दों को समझ गया हो। कुछ समय बाद, पानी रुक गया और गाँव बच गया।
गाँववाले मोहन के शब्दों की शक्ति देखकर अचंभित रह गए। उन्होंने समझा कि शब्द सिर्फ आवाज़ नहीं होते, बल्कि उनमें अपार शक्ति छिपी होती है। अगर शब्दों को सही उद्देश्य और भावनाओं के साथ बोला जाए, तो वे किसी भी कठिनाई का सामना कर सकते हैं।
सीख:
मोहन की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि शब्दों में एक अनमोल शक्ति है। जब हम अपने शब्दों का सही दिशा में उपयोग करते हैं, तो हम किसी भी समस्या का समाधान ढूंढ सकते हैं। इसलिए, हमें अपने शब्दों का चयन ध्यान से करना चाहिए और हमेशा सकारात्मक विचारों और शब्दों को ही व्यक्त करना चाहिए।
कभी भी शब्दों को हल्के में मत लो, क्योंकि वे आपके जीवन को बदल सकते हैं!
दोस्तों इस कहानी को बताने का मतलब सिर्फ इतना था कि हम जो बोलते हैं हम वही आकर्षित करते हैं अगर हम सकारात्मक सोच के साथ पूरे दिल से अगर किसी चीज को भगवान से मांगते हैं तो वह हमें मिलती है और इसके विपरीत अगर हम कोई नेगेटिव चीजों के बारे में सोचते हैं तो वह भी आकर्षित होती है इसलिए हमेशा पॉजिटिव रहना चाहिए
मान लो की कोई आदमी है अगर वह किसी अमीर आदमी को देखकर बोलता है कि बाप रे इसके पास कितना पैसा है मैं कितना गरीब हूं तो वह खुद के लिए गरीबी ही आकर्षित कर रहा है इसके विपरीत अगर वह यह बोले कि भाई यह कितना अमीर आदमी एक दिन मैं भी इसके जैसा बनूँगा कहने का मतलब है दोस्तों शब्दों का यही फर्क होता है हमारे शब्द हमें ऊपर उठा भी सकते हैं और हमारे शब्द हमें नीचे गिर भी सकते हैं
इसलिए हमेशा अपने मुंह से सकारात्मक चीज ही निकालनी चाहिए
दोस्तों एक छोटा सा हां और एक छोटा सा ना हमारी पूरी जिंदगी बदल सकता है
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